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उत्तरप्रदेश : तीन रेलवे स्टेशन प्रतापगढ़, अंतू ,बिशनाथगंज के बदले गये नाम, अब इन नामों से जाना जायेगा

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में, तीन रेलवे स्टेशनों के नामों में परिवर्तन किया गया है। ये स्टेशनों के नये नाम धार्मिक स्थलों के नामों पर रखा गया हैं, और यह परिवर्तन विशेष रूप से मां बेल्हा देवी प्रतापगढ़ जंक्शन, मां चंद्रिका देवी धाम अंतू जंक्शन और शनिदेव धाम बिशनाथगंज के स्टेशनों के नामों को संदर्भित करते हैं। इन धार्मिक स्थलों के नाम पर रखे गये नये स्टेशनों के नामों के बाद, इन स्थलों की पहचान को एक नई दिशा मिल गयी है।

नामों को बदलने की अधिसूचना जारी :

आपको बता दें की पूर्व में, विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय द्वारा इन स्टेशनों के नामों को बदलने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन नामों के कोड को सही तरह से तय करने में कठिनाइयां हो रही थीं। अब इसे सुलझाने के बाद, इन स्टेशनों के नामों को बदलने की अधिसूचना उत्तर रेलवे द्वारा जारी की गई है। इन स्टेशनों के नये कोड भी तय कर दिये गये हैं, जिनमें मां बेल्हा देवी प्रतापगढ़ जंक्शन का MBDP, मां चंद्रिका देवी धाम अंतू का MCDA, और शनिदेव धाम बिशनाथगंज का SBTJ शामिल हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के आधार पर बदला नाम :

प्रतापगढ़ स्टेशन के नामकरण के साथ ही अंतू और बिशनाथगंज स्टेशनों का भी नाम परिवर्तित हो गया है, जिससे यह रेलवे स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को प्राप्त करने वाले हैं।

ये हैं वो तीन स्टेशन :

बेल्हा देवी प्रतापगढ़ जंक्शन (MBDP): प्रतापगढ़ के इस स्टेशन का नाम बेल्हा देवी प्रतापगढ़ जंक्शन के रूप में बदल दिया गया है। इसे धार्मिक स्थलों के नाम पर रखने के साथ ही इसका महत्व भी बढ़ गया है, और अब यहाँ आने वाले यात्री धार्मिक दर्शन के लिए आते हैं।

मां चंद्रिका देवी धाम अंतू (MCDA) : आपको बता दे, अंतू स्टेशन का नाम अब मां चंद्रिका देवी धाम अंतू के रूप में जाना जाएगा। यह स्थल धार्मिक महत्व का है और अब यहां के यात्री इसे धार्मिक दर्शन के लिए पसंद करेंगे।

शनिदेव धाम बिशनाथगंज (SBTJ) : बिशनाथगंज स्टेशन का नाम शनिदेव धाम बिशनाथगंज के रूप में बदल दिया गया है। यह धार्मिक स्थल भी है, जिसका महत्व इसे एक महत्वपूर्ण रेलवे स्थल बनाता है।

इन स्थलों के नामों के परिवर्तन के बाद, यात्री और पर्यटक अब इन स्थलों की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्णता को और भी समझेंगे, और इन्हें एक नये दृष्टिकोण से देखेंगे। साथ ही, यह एक संकेत है कि भारतीय रेलवे समाज के मूल्यों, संस्कृति, और धार्मिक धाराओं के प्रति समर्पित है, और वह इसे महत्वपूर्ण स्थान पर रखता है।

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