झांसी. झांसी समेत पूरे बुंदेलखंड में अब जल्द ही ग्रामीण पर्यटन और एग्री टूरिज्म को बढ़ावा मिलने जा रहा है. पर्यटन विभाग द्वारा इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं. झांसी में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. देसी और विदेशी पर्यटक यहां पर आकर बुंदेलखंड की सभ्यता और संस्कृति को करीब से समझ सकेंगे. बुंदेली खानपान और ग्रामीण रहन-सहन को भी समझने का मौका पर्यटकों को मिलेगा. झांसी में हो रही ऑर्गेनिक खेती भी पर्यटक करीब से देख पाएंगे.
ग्रामीण टूरिज्म या एग्री टूरिज्म से जुड़ने वाले किसानों को पर्यटन विभाग द्वारा कई प्रकार की सहूलियत भी दी जाएगी. जो लोग इस स्कीम के तहत काम शुरू करेंगे उन्हें 25 फीसदी की कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. इसके साथ ही डेवलपमेंट फीस और लैंड कन्वर्जन चार्ज में 100 फीसदी की छूट दी जाएगी. पर्यटन विभाग द्वारा इस सुविधा का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा. अभी 100 किसान इस सुविधा को शुरू करने जा रहे हैं. विभाग द्वारा इन किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा.
झांसी में ग्रामीण टूरिज्म
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्ति ने बताया कि झांसी में ग्रामीण टूरिज्म और एग्री टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. शहरी क्षेत्र में जो लोग प्रदूषण की वजह से परेशान रहते हैं, वे झांसी और आसपास के इलाकों में आ सकते हैं. यहां बड़े स्तर पर ऑर्गेनिक खेती भी होती है. पर्यटक इसके बारे में भी यहां आकर समझ सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस वर्ष को मोटे अनाज का वर्ष घोषित किया गया है. बुंदेलखंड में मोटा अनाज बहुतायत में होता है. पर्यटकों के लिए यह भी आकर्षण की बात होगी.
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