नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 की रात एक बड़ा और भावनात्मक फैसला लेते हुए अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का हवाला दिया है।
स्वास्थ्य बना इस्तीफे की वजह
धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा, “मेरे स्वास्थ्य की स्थिति पिछले कुछ समय से ठीक नहीं है। डॉक्टरों की राय के अनुसार मुझे अब आराम और कार्यभार कम करने की सख्त आवश्यकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक जिम्मेदारियों से विराम लेना अब जरूरी हो गया है, ताकि स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके।
धनखड़ का भावुक धन्यवाद
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद और संसद सदस्यों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल को सम्मानजनक और गरिमामयी अनुभव बताया।
11 अगस्त 2022 से थे उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में कई अहम बहसों और विधायी कार्यों का नेतृत्व किया। उनकी सख्त लेकिन संतुलित कार्यशैली की प्रशंसा सभी पक्षों से होती रही है।
संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत इस्तीफा
धनखड़ का इस्तीफा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत हुआ है, जिसके तहत उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को पत्र लिखकर त्यागपत्र दे सकते हैं। चूंकि उन्होंने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया है, इसलिए अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
उनके इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में बहस और संभावनाओं को जन्म दिया है, लेकिन उनके द्वारा लिए गए इस ईमानदार और पारदर्शी फैसले को सभी वर्गों से सम्मान प्राप्त हो रहा है।
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