नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय स्तर की मशहूर महिला पहलवान और अब हरियाणा की कांग्रेस विधायक बनीं विनेश फोगाट ने हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए तीन विकल्पों में से 4 करोड़ रुपये का नकद इनाम चुनने का निर्णय लिया है। यह इनाम उन्हें राज्य की खेल नीति के तहत प्रदान किया गया था।
सरकारी नौकरी और प्लॉट का भी था विकल्प
हरियाणा सरकार की ओर से विनेश फोगाट को तीन विकल्प दिए गए थे।
4 करोड़ का नकद इनाम
एक आवासीय प्लॉट
खेल विभाग में ग्रेड ‘ए’ स्तर की सरकारी नौकरी (उप निदेशक पद)
लेकिन विनेश ने सरकारी नौकरी और प्लॉट को अस्वीकार करते हुए कैश प्राइज को प्राथमिकता दी। यह विकल्प उन्होंने राज्य के खेल विभाग को पत्र के माध्यम से सूचित किया।
ओलंपिक रजत पदक के बराबर मिला सम्मान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मार्च में घोषणा की थी कि विनेश को ओलंपिक रजत पदक विजेता के समकक्ष पुरस्कार दिया जाएगा, भले ही वह पेरिस ओलंपिक में तकनीकी कारणों से अयोग्य घोषित हुई थीं। हरियाणा सरकार की खेल नीति के अनुसार, शीर्ष खिलाड़ियों को यह सम्मान दिया जाता है।
50-100 ग्राम से चूकीं विनेश
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट इतिहास रचने के करीब थीं, लेकिन मुकाबले से ठीक पहले उनका वजन 50 किलोग्राम की निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया। इस नियम उल्लंघन के चलते उन्हें प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
विवाद, संन्यास और फिर राजनीति में कदम
वजन विवाद के बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की और इसके बाद राजनीति में प्रवेश किया। वह कांग्रेस पार्टी से जुड़ीं और 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना सीट से विजयी हुईं।
“यह पैसे की नहीं, सम्मान की बात है” – विनेश फोगाट
विनेश ने अपने एक बयान में कहा था, “यह पैसे की बात नहीं है, यह सम्मान की बात है। पूरे राज्य से कई लोग मुझसे कहते हैं कि मुझे नकद पुरस्कार मिला होगा।” यह बयान इस बात को दर्शाता है कि विनेश का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ नहीं बल्कि राज्य के मान-सम्मान और खिलाड़ी की गरिमा को बनाए रखना भी है।
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