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Jama Masjid survey : संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा, आगजनी और पत्थरबाजी, तीन लोगों की मौत

by Rakesh Pandey
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उत्तर प्रदेश : संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भारी हंगामा हुआ है। जब कोर्ट के आदेश पर सर्वे की टीम मस्जिद पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर पत्थरबाजी की। इस दौरान सर्वे के दौरान हुए बवाल में तीन लोगों की मौत हो गई है। जिले के एसपी ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने कहा कि इस घटना में तीन लोगों की जान चली गई है। तीनों मृतकों का नाम नोमान, बिलाल और नईम है।

दरअसल रविवार की सुबह जब कोर्ट के आदेश पर टीम सर्वे करने पहुंची तो स्थानीय लोगों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दाने पड़े थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी शुरू कर दी। घटना के दौरान एसपी समेत कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए।

संभल में पथराव की घटना पर एसपी कृष्ण कुमार ने कहा कि पत्थरबाजों ने पुलिसकर्मियों की गाड़ियों में आग लगाकर उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की है। उनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। ड्रोन से वीडियोग्राफी की गई है। सीसीटीवी कैमरों की मदद से इन सभी लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस पर हमला, आंसू गैस का इस्तेमाल

सुबह-सुबह सर्वे टीम जब जामा मस्जिद में दाखिल हुई, तो शुरुआत में सब कुछ सामान्य था। जैसे ही सर्वे का काम शुरू हुआ, कुछ समय बाद ही इलाके में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। धीरे-धीरे यह भीड़ आक्रोशित हो गई और पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक शुरू हो गई। जैसे ही स्थिति और बिगड़ी, पुलिस को हालात को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इसके बावजूद भीड़ ने पत्थरबाजी करना जारी रखा, जिससे माहौल और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गया।

वीडियो में पत्थरबाजी की घटना

इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिसकर्मी और एसपी हेलमेट पहनकर सुरक्षा का प्रयास करते नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी ओर से भीड़ की ओर से लगातार पत्थरबाजी की जा रही है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह पुलिस और स्थानीय लोग एक-दूसरे के साथ टकरा रहे हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आक्रोशित भीड़ को शांत करने की कोशिश की।

जामा मस्जिद के सर्वे का मामला

इस सर्वे की शुरुआत कोर्ट के आदेश पर हुई थी। 19 नवंबर 2024 को संभल जिले के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन, आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मस्जिद के सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जाए और इस सर्वे की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की जाए। इसके तहत एक एडवोकेट कमिश्नर की टीम का गठन किया गया था, जो मस्जिद का सर्वे करेगी।

क्यों हुआ विरोध

मामला इससे जुड़ा हुआ है कि याचिकाकर्ता, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का दावा है कि जामा मस्जिद का स्थान पहले एक हिंदू मंदिर का था। उनका कहना है कि यह वही स्थान है, जहां हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दशावतार में से कल्कि अवतार होना है। वर्ष 1529 में बाबर ने इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने की कोशिश की थी और यह स्थान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

विष्णु शंकर जैन का यह भी कहना है कि इस मस्जिद के आसपास हिंदू धार्मिक चिह्न मौजूद हैं और अदालत ने इसी आधार पर यह सर्वे कराने का आदेश दिया था। उनका आरोप है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है।

स्थिति पर नजरें

वर्तमान में संभल में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की है और दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। डीएम और एसपी ने आक्रोशित भीड़ को समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शन से स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया।

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