जम्मू : कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ किए गए, सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है। इसके बाद से ही पाकिस्तान इस समस्या के वैकल्पिक तलाश में तीव्रता से जुटा हुआ है। पाकिस्तान सरकार सिंधु नदी पर 6 नहरों का निर्माण करने की तैयारी में है। शहबाज सरकार के सहयोगी दलों के साथ ही वहां के स्थानीय लोगों ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। इस विषय पर सहमति के लिए बैठक बुलाई गई है।
लोगों ने शुरू किया उग्र विरोध- प्रदर्शन
भारत द्वारा रद्द किए गए सिंधु जल समझौते का अब असर पड़ता दिख रहा है। पाकिस्तान में सिंधु नदी के पानी के लिए आंदोलन शुरू हो गया है। सोमवार को यह विरोध- प्रदर्शन और अधिक उग्र हो गया। पाकिस्तान सरकार और उसके सहयोगी दल में ही इस विषय पर मतभेद होने शुरू हो गए हैं। स्थानीय निवासियों ने भी सिंधु नदी पर 6 नहरों के निर्माण प्रस्ताव के खिलाफ विरोध- प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। सोमवार को इस विरोध- प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर लिया। लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया। इस कारण व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में भारी नुकसान देखा जा रहा है। सड़क पर हजारों मालवाहक गाड़ियां फंसी हुई है।
सहयोगी दल ने गठबंधन तोड़ने की दी धमकी
सिंधु प्रांत के स्थानीय निवासियों के अनुसार नहर निर्माण से उन्हें पानी की किल्लत होगी। लोगों को यह आशंका है कि उनके हिस्से का पानी दूसरे राज्यों को भेजा जाएगा। सिंधु नदी से पाकिस्तान 6 नहर निकालने की तैयारी में है। इन नहरों से पाकिस्तान, बंजर भूमि की सिंचाई की व्यवस्था करना चाहता है। लेकिन शहबाज शरीफ की सत्ताधारी पार्टी के सहयोगी दल, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने गठबंधन को तोड़ने की धमकी दी है। आगामी CCI की बैठक में यदि इन नहरों का मसला हल नहीं होता, तो PPP ने अपना समर्थन वापस लेने की बात कही है।