नई दिल्ली : अब देश भर में मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। चुनाव आयोग ने इस प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है। यह फैसला 18 मार्च की हुई बैठक में लिया गया। चुनाव आयोग ने UIDAI के साथ मिलकर इस विषय पर विचार- विमर्श किया। आयोग ने यह आश्वासन दिया कि इससे किसी भी तरीके का डाटा साझा नहीं होगा। विपक्षी दलों द्वारा लगातार चुनाव में हो रही गड़बड़ियों को लेकर आरोप लगाए जा रहे थे।
चुनाव आयोग और UIDAI की संयुक्त बैठक में हुआ फैसला
चुनाव आयोग और UIDAI की प्रस्तावित बैठक विगत मंगलवार को संपन्न हुई। इस बैठक में देश भर में मतदाता पहचान पत्रों को आधार कार्ड से लिंक करने को हरी झंडी दे दी गई। विपक्षी दलों द्वारा चुनाव में हो रही गड़बड़ियों को लगातार मुद्दा बनाए जाने के बाद आयोग ने यह फैसला लिया। इस बैठक में UIDAI के सीईओ और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अलावा अन्य दो चुनाव आयुक्त डॉक्टर एसएस संधू और डॉक्टर विवेक जोशी भी शामिल थे।
किसी भी तरह का डाटा नहीं होगा साझा
चुनाव आयोग और UIDAI की संयुक्त बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब देश भर के मतदाता पहचान पत्रों को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। इसके लिए एक APP तैयार किया गया है। आयोग ने इस विषय में जानकारी साझा करते हुए यह आश्वासन दिया कि APP के द्वारा किसी भी तरीके का डाटा साझा नहीं किया जाएगा। इससे केवल मतदाताओं की प्रमाणिकता की जांच की जाएगी। वोटर कार्ड के आधार से लिंक होने के बाद ईपिक में बदलाव की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी। चुनाव आयोग ने ‘लोक प्रतिनिधित्व कानून’ के ‘अनुच्छेद 326’ के संदर्भ में यह कहा कि इसके अंतर्गत वोट देने का अधिकार केवल देश के नागरिकों को ही मिल सकता है।
33 करोड़ मतदाताओं के वोटर कार्ड, लिंक होंगे आधार से
विगत वर्ष 2015 में चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को आधार के डेटाबेस के साथ लिंक करने का कार्य आरंभ किया था। तीन माह में ही 30 करोड़ मतदाता पहचान पत्र, आधार से लिंक कर दिए गए थे। इसी बीच आधार की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। वर्ष 2022 में केंद्र सरकार द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून और चुनाव कानून में संशोधन किया गया था। जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध ठहराया था। इसके बाद से ही वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है। अबतक लगभग 66 करोड़ मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक किया जा चुका है। अभी भी 33 करोड़ मतदाताओं का वोटर आईडी, आधार कार्ड से लिंक करना बाकी है। यही विवाद का मूल कारण बन रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद इस अनियमितता को एक अहम मुद्दा बना लिया है।
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