धनबाद: झारखंड के धनबाद रेलवे मंडल अंतर्गत मोहलीडीह पंचायत में करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित रेलवे अंडरपास इन दिनों भारी जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है। बारिश होते ही यह अंडरपास एक तालाब या स्विमिंग पूल में तब्दील हो जाता है, जिससे पैदल यात्रियों और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो जाती है।
जलजमाव के कारण बंद हुआ अंडरपास, आवाजाही पर ब्रेक
धनबाद रेल मंडल द्वारा बनाए गए इस अंडरपास का उद्देश्य था स्थानीय लोगों को रेलवे क्रॉसिंग की समस्या से निजात दिलाना, लेकिन वर्तमान में यह पुल जल निकासी व्यवस्था की कमी के चलते अनुपयोगी साबित हो रहा है।
बारिश के बाद अंडरपास में लगभग 5 फीट तक पानी भर जाता है। इससे बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर भी संकट मंडराने लगता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि कोई बच्चा अनजाने में पानी में चला जाए, तो उसकी जान भी जा सकती है।
लोगों ने जताया विरोध, DRM से की कार्रवाई की मांग
स्थानीय नागरिकों ने रेलवे प्रशासन और संबंधित संवेदक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि निर्माण के दौरान पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया। इसके विरोध में कुछ स्थानीय युवक जलजमाव वाले अंडरपास में नहाते हुए रेलवे के अधिकारियों को तंज कसते नजर आए।
लोगों ने कहा, “डीआरएम साहब आप भी आइए, इस पानी में डुबकी लगाकर आनंद लीजिए।” यह टिप्पणी रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता पर एक कटाक्ष है।
बंद होने पर 5,000 लोगों को उठाना पड़ेगा खामियाजा
स्थानीय निवासियों को इस बात की भी चिंता है कि यदि मोहलीडीह स्थित रेलवे क्रॉसिंग को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया, और अंडरपास में इसी तरह जलजमाव की स्थिति बनी रही, तो लगभग 5,000 लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। यह स्थिति न केवल दैनिक आवागमन को प्रभावित करेगी, बल्कि आपातकालीन सेवाओं और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी गंभीर समस्या बन सकती है।
करोड़ों की सौगात बनी अभिशाप
लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हुआ यह अंडरपास रेलवे की एक अहम सौगात थी, लेकिन अब यह सौगात अभिशाप बन गई है। संवेदक की लापरवाही और रेलवे प्रशासन की अनदेखी ने इस सुविधा को एक गंभीर समस्या में बदल दिया है।
स्थानीयों की मांग: जल्द हो समाधान
स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से जल निकासी की व्यवस्था की जाए ताकि अंडरपास का उपयोग सुचारु रूप से हो सके। साथ ही बारिश के मौसम से पहले स्थायी समाधान तलाशा जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।