जितिया व्रत 2025 – संतान की लंबी उम्र के लिए माताओं का विशेष उपवास
व्रत की तिथि और अवधि
यह व्रत 14 सितंबर 2025 को अष्टमी तिथि में मनाया जाएगा। नहाय-खाय से 13 सितंबर से शुरुआत और 15 सितंबर को पारण के साथ समाप्ति होगी।
अष्टमी तिथि का समय
14 सितंबर को सुबह 8:41 बजे से 15 सितंबर को सुबह 6:27 बजे तक अष्टमी तिथि मान्य होगी। पारण 15 सितंबर को सुबह 6:27 बजे के बाद किया जाएगा।
प्रदोष काल का महत्व
अष्टमी तिथि का प्रदोष काल में होना बेहद शुभ माना जाता है। इस बार पूरे दिन अष्टमी रहेगी, इसलिए व्रत 14 सितंबर को ही किया जाएगा।
निर्जला उपवास की कठिनाई
माताएं पूरे दिन और रात बिना पानी पिए व्रत करती हैं। यह संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।
सप्तमी तिथि की पूजा
व्रत से पहले स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और शुद्ध भोजन ग्रहण कर व्रत शुरू किया जाता है।
कथा का महत्व
अष्टमी के दिन चील और सियार की कथा सुनने का विशेष विधान है। इससे संतान की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
संतान के उज्ज्वल भविष्य की कामना
यह व्रत संतान के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और यश प्राप्ति के लिए किया जाता है।
जितिया व्रत का महत्व
मां की श्रद्धा से संतान का जीवन सुरक्षित और समृद्ध होता है। इस वर्ष भी इस पर्व को पूरे विधि-विधान से मनाइए।