रामगढ़ (झारखंड) : रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र में कोतरे बसंतपुर पचमो (KBP) परियोजना के लिए जिला प्रशासन ने 30 एकड़ जमीन चिह्नित की है। अधिकारियों की टीम ने इस प्रक्रिया को पूरा किया, जिसमें अपर समाहर्ता कुमारी गीतांजलि, एसडीओ अनुराग कुमार तिवारी, और एलआरडीसी दीप्ति कुजूर समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। यह जमीन सरकारी है, लेकिन कुछ भाग पर ग्रामीणों का कब्जा था, जिसके चलते इसे सही तरीके से चिन्हित किया गया।
माइनिंग कार्य के लिए भूमि पूजन
अपर समाहर्ता कुमारी गीतांजलि के अनुसार, केबीपीएमएल कंपनी इस क्षेत्र में माइनिंग का कार्य शुरू करने वाली है और इसके लिए लगभग 1100 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। पहले चरण में 30 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है और भूमि पूजन के बाद अन्य भूखंड भी चिह्नित किया जाएगा। इस दौरान मांडू अंचल अधिकारी विमल कुमार सिंह ने स्टेटमेंट-6 तैयार किया, जिससे जमीन की वास्तविक स्थिति स्पष्ट हुई।
जमीन पर कब्जा और ग्रामीणों के साथ वार्ता
जमीन पर ग्रामीणों का कब्जा था, और उनकी जमीन की जमाबंदी चल रही थी। अधिकारियों की टीम जब गांव में पहुंची, तो रैयत (भूमि मालिक) भी वहां मौजूद थे, जिनके नाम पर गैर मंजरुआ जमीन की जमाबंदी दर्ज थी। अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ बातचीत की और समस्याओं को सुलझाने के प्रयास किए। यह जमीन पहले जंगल झाड़ी के रूप में दर्ज थी, लेकिन ग्रामीणों ने उस पर अपना कब्जा जमा लिया था और बाद में उनकी जमाबंदी भी खुलवा दी थी।
मुआवजा और नौकरी का मामला
इस जमीन के चिह्नन से पहले लगभग 83 एकड़ भूमि चिह्नित की जा चुकी है और उस पर मुआवजा और नौकरी से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया गया था। हालांकि, अब भी मुआवजा और नौकरी से संबंधित कुछ मुद्दे बने हुए हैं। कंपनी के काम को शुरू करने के लिए ग्रामीणों की रजामंदी जरूरी है। यदि ग्रामीण अपनी सहमति देते हैं, तो यहां माइनिंग का कार्य जल्द शुरू हो सकता है, जिसके साथ क्षेत्र में विकास की नई राह खुल सकती है।