बंदगांव : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं और कार्यकर्ताओं में संगठन के प्रति मोहभंग का एक नया उदाहरण देखने को मिला है। शनिवार को बंदगांव प्रखंड के राजापारम गांव में आयोजित एक बैठक में, झामुमो चक्रधरपुर और बंदगांव प्रखंड कमेटी के सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
इस बैठक में प्रमुखता से झामुमो के बंदगांव प्रखंड सचिव मार्टिन हेम्ब्रम, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष दोड़ाय जोंको, चक्रधरपुर प्रखंड अध्यक्ष संजय हांसदा और संगठन सचिव मंटु गागराई सहित विभिन्न पंचायतों के झामुमो नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। संजय हांसदा ने कहा, “हम सभी झामुमो के साथ वर्षों से जुड़े रहे हैं, लेकिन वर्तमान में हमें मान-सम्मान नहीं मिल रहा है। इसी कारण से हम सभी ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।”
प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष दोड़ाय जोंको ने कहा, “चक्रधरपुर विधानसभा में हमें अब कोई मान-सम्मान नहीं दिया जाता। मैं झामुमो का पूर्व प्रखंड अध्यक्ष रह चुका हूं, लेकिन हमारे खिलाफ पार्टी में ही बातें की जाती हैं।”
संगठन सचिव मंटु गागराई ने पार्टी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “झामुमो एक अच्छी पार्टी है, लेकिन कुछ लोग इसे खराब करने का काम कर रहे हैं।” बैठक में कराईकेला पंचायत के पूर्व मुखिया राजेन्द्र मेलगांडी और हरि कांडेयांग ने भी अपने विचार रखे।
सामूहिक इस्तीफे में शामिल अन्य नेताओं में सक्रिय सदस्य रेगा हेम्ब्रम, जिला कृषि उपाध्यक्ष कानु किशोर सिजुई, सदस्य ललन सामड, आकाश सुंडी, मुनीराम सांडिल, सुरेश लागुरी, और प्रखंड कार्यकारणी सदस्य हरि कांडेयांग, नरेश बानरा, बेरगा पूर्ति, बाहाराम हेम्ब्रम, राम बोदरा, पंचायत अध्यक्ष शिवनारायण, मुन्नू हेम्ब्रम, सोमाय सामड, प्रेम सिंह गागराई, कृष्णा जोंको, श्रीकांत बोदरा, श्याम बोदरा, कोषाध्यक्ष डॉक्टर दोराई, संयुक्त सचिव जेम्स पूर्ति और उपाध्यक्ष सुरसिंह हांसदा शामिल थे।
इस घटनाक्रम ने झामुमो में बढ़ती असंतोष की भावना को उजागर किया है, और यह संकेत करता है कि पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं के मुद्दों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। उपस्थित स्थानीय लोगों ने भी नेताओं की बातों का समर्थन किया और यह महसूस किया कि संगठन को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
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