Chaibasa (Jharkhand) : पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने राज्य की सुरक्षा और लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुख्यात अपराधी और झामुमो नेता रामाशंकर पांडेय उर्फ रामा पांडेय को झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2002 के तहत जिला बदर कर दिया है। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त चंदन कुमार के न्यायालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है, जिसके तहत रामा पांडेय को अगले छह महीने तक जिले में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।
राज्य सुरक्षा के लिए खतरा
न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि रामाशंकर पांडेय, जो मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं और वर्तमान में पश्चिमी सिंहभूम के गुआ थाना क्षेत्र में रह रहे थे, जिले के अपराध जगत में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से सक्रिय हैं। उनकी आपराधिक गतिविधियों और आतंक के कारण सदर थाना, मुफस्सिल थाना, गुवा थाना, मनोहरपुर थाना और चक्रधरपुर थाना क्षेत्रों में आम जनता, व्यापारी वर्ग और सरकारी प्रतिष्ठानों के बीच दहशत का माहौल है।
नक्सलियों से सांठगांठ और रंगदारी का आरोप
रामा पांडेय पर वामपंथी नक्सलियों के साथ मिलकर नक्सली घटनाओं को अंजाम देने, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और आधारभूत संरचना निर्माण कार्यों में लगे वाहन मालिकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को डरा-धमका कर रंगदारी मांगने का आरोप है। इसके अलावा, उन पर रंगदारी न देने पर काम बंद कराने की धमकी देने, अवैध हथियार रखने, मारपीट करने और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में भी शामिल होने का आरोप है।
छह थानों में 10 मामले दर्ज
पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा की अनुशंसा के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। रामा पांडेय के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में हत्या सहित 6 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, और 10 अन्य मामलों में ठेकेदारों और व्यवसायियों को धमकाने तथा रंगदारी मांगने की शिकायतें दर्ज हैं।
भाजपा छोड़ थामा था झामुमो का दामन
गौरतलब है कि मजदूर नेता रामा पांडेय ने इसी साल 10 फरवरी को भाजपा छोड़कर झामुमो का दामन थामा था। उन्होंने मंत्री दीपक बिरुवा की अध्यक्षता में गुवा में आयोजित एक कार्यक्रम में झामुमो की सदस्यता ग्रहण की थी।
आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
जिला दंडाधिकारी के आदेश के अनुसार, रामा पांडेय को आदेश जारी होने के 24 घंटे के भीतर जिले की सीमा छोड़नी होगी। छह महीने की अवधि समाप्त होने तक वह जिले में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। हालांकि, यदि न्यायालय में किसी मामले में उनकी पेशी आवश्यक होती है, तो वह सामान्य कार्यालय अवधि के दौरान स्थानीय थाने को सूचित करते हुए निर्धारित तिथि पर जिले में प्रवेश कर सकेंगे। उनके पास यदि कोई लाइसेंसी हथियार है, तो उन्हें तुरंत स्थानीय थाने में जमा कराना होगा और इस अवधि में किसी भी स्थिति में हथियार नहीं रखना होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा और इसका उल्लंघन करने पर झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2002 की धारा 25 और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दंडनीय होगा।