नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी आने वाले दिनों में एक देश-एक चुनाव को लागू कर सकती है। इस बात के संकेत गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने अपने हालिया बयान में दिए हैं। इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना व मणिपुर के हालात से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया है।
मोदी (एनडीए) सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में ‘एक देश-एक चुनाव को लागू करने की बात पहले ही स्पष्ट कर दी थी। यह बात बीजेपी के मेनिफेस्टो में भी शामिल था। हाल ही में मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हुए। इस मौके पर प्रेस से बात करते हुए शाह ने चुनाव के दौरान किए गए वादों को याद दिलाया।
NDA सरकार के 100 दिन पूरे होने पर एक रिपोर्ट कार्ड रिलीज की गई। इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उनके साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी पीएम ने ‘एक देश-एक चुनाव’ की चर्चा की थी। उनका तर्क था कि बार-बार चुनाव कराने से देश की प्रगति बाधित हो रही है।
कोविंद कमेटी ने दी थी रिपोर्ट
मार्च 2024 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी, जिसमें लोकसभा व राज्यसभा विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई थी। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह इतना आसान नहीं है। इसके लिए संविधान में संशोधन करने की जरूरत होगी।
2027 तक हो सकती जनगणना
कोविड-19 के कारण जनगणना में भी देरी हुई है। हर 10 साल में होने वाली जनगणना के सवाल पर शाह ने कहा कि जब जनगणना होगी, तब सारी जानकारी साझा की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे। साल 2020 में जनगणना होनी थी, पर कोविड के कारण यह टल गई। अब 2027 तक जनगणना कराने की तैयारी है।
मणिपुर मामले में हो रही बात : शाह
मणिपुर मामले में बात करते हुए BJP नेता ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए मैतेई और कुकी समुदायों के साथ बातचीत जारी है। शाह ने कहा कि पिछले तीन दिन को छोड़कर बीते तीन महीने में किसी भी बड़ी हिंसा की कोई खबर नहीं है।