सेंट्रल डेस्क : अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। अमेरिकी चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीत चुके हैं। आने वाले 6 जनवरी को नई कांग्रेस सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति के रूप में उनके नाम की घोषणा कर दी जाएगी और 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ ले लेंगे।
अब हम आसान भाषा में ट्रंप की जीत की भारत के लिए क्या मायने हैं, ये समझते हैं-
इस जीत का असर पूरी दुनिया के मुल्कों पर पड़ेगा। इस जीत का असर शेयर मार्केट से लेकर अर्थव्यवस्था और यहां तक कि व्यापार पर भी पड़ेगा। लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की जीत का सबसे ज्यादा असर दोनों देशों के व्यापार, ऊर्जा, तकनीक और रक्षा सहयोग पर पड़ेगा। पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप अच्छे दोस्त हैं, लेकिन जब बात इंटरनेशनल पॉलिटिक्स की आती है, तब ये सारे रिश्ते दरकिनार करके देखने होते हैं। भारत के लिए अमेरिकी मर्केंडाइज एक्सपोर्ट का सबसे बड़ा बाजार है।
भारत क्या बेचता है अमेरिका को
भारत अमेरिका को खाने-पीने की वस्तु, मसाले, चाय, लेदर का सामान, हीरे और दवाइयां वगैरह बड़ी मात्रा में बेचता है। इसलिए अमेरिका के साथ भारत का बिजनेस हमेशा से फायदे का सौदा रहा है। 2023-24 के फाइनेंशियल इयर में भारत ने अमेरिका को 42.2 अरब डॉलर जो कि भारतीय करेंसी में लगभग 3 लाख 55 हजार करोड़ होता है, का सामान बेचा था, जबकि अमेरिका ने भारत को 6 लाख 52 हजार करोड़ रुपये का सामान बेचा।
ट्रंप ने भारत को कहा टैरिफ किंग
2017-21 तक जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब दोनों देशों के रिश्तों में बेहतरी देखी गई थी। दोनों देशों ने रक्षा संबंधों को बढ़ाने और आर्थिक सहयोग का विस्तार करने पर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। हालांकि, ट्रंप के शासनकाल में चीजें पूरी तरह से ठीक भी नहीं थी। ट्रंप ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहा था। इस साल अगस्त में भी ट्रंप ने भारत के ऊंचे टैक्स की आलोचना की थी। 2019 में मोदी सरकार ने कई अमेरिकी चीजों पर मोटा टैक्स वसूला था। क्योंकि ट्रंप सरकार ने भी भारत को स्टील और एल्युमिनियम पर लगे टैक्स में छूट देने से साफ इंकार कर दिया था।
ट्रंप ने भारत को किया GSP से बाहर
इसके बाद ट्रंप ने भी एक्शन लिया और भारत को व्यापार में वरीयता की जेनेरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफरेंसेस (GSP) से बाहर कर दिया था। इस लिस्ट में होने से भारत अमेरिका में अफने प्रोडक्ट ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट कर पाता, लेकिन इस फैसले के बाद कई भारतीय कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। प्रीफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट के तहत देश एक-दूसरे देश के साथ कुछ सामानों में टैक्स रेट कम रखते हैं, ताकि व्यापार में आसानी हो।
ट्रंप ने भारत को दी थी धमकी
ट्रंप ने अपने शासनकाल में भारत को धमकी भी दी थी। दरअसल भारत ने ईरान से तेल खरीदने और रूस से एस-400 एंटी एय़रक्राफ्ट मिसाइल लेने की योजना बनाई थी, जिस पर ट्रंप ने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। इसके साथ ही भारत में हार्ले डेविडसन पर लगाए गए भारी कर को लेकर भी ट्रंप समय-समय पर आलोचना करते रहे हैं।
फ्री ट्रेड से अमेरिका को हुआ नुकसान
पूर्व में हुए इन बातों से तो फिलहाल यही लगता है कि भारत को अमेरिका में व्यापार करने के लिए भारी टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इसका असर भारत-अमेरिका के बीच होने वाले निर्यात के सामानों जैसे आईटी, फार्मास्युटिकल, जेनेरिक दवाएं और टेक्सटाइल पर पड़ सकता है। ट्रंप का मानना है कि फ्री ट्रेड से अमेरिका का नुकसान हुआ है। लेकिन एक्सपर्ट मानते है कि उनके निशाने पर पहले चीन हो सकता है।
ट्रंप की जीत से भारत को होने वाले फायदे
इस जीत का एक पॉजिटिव साइड भी है। ट्रंप भारत के लिए फायदेमंद भी हो सकते है। विशेषज्ञ इसका सबसे बड़ा कारण अमेरिका का चीन विरोधी होना बताते है। एक फाइनेंशियल फर्म का कहना है कि ट्रंप चीन के सामानों पर भारी टैक्स लगा सकते है। भारतीय ऑटो कंपनियों के लिए निर्यात के नए रास्ते खुल सकते हैं। चीन प्लस वन के अंतर्गत दुनिया भर में अपना इंवेस्टमेंट बढ़ा रही है। इसके तहत चीन वियतनाम और भारत में भी अपना निवेश बढ़ाएगी। इसके अलावा ट्रंप सरकार कई कॉमोडिटीज के दाम बढ़ा सकती है, जैसा कि पिछली बार सत्ता में रहते हुए ट्रंप ने किया था।
ट्रंप की नीतियों से बढ़ सकती है महंगाई
ट्रंप की आर्थिक नीतियां ऐसी होती हैं कि महंगाई बढ़ सकती है। वे आयात पर टैरिफ लगाकर विदेशी सामानों को महंगा कर सकते हैं। वह कंपनियों को अमेरिका में अपना प्रोडक्शन बढ़ाने को कह सकते हैं, जिससे मूल्य वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही ट्रंप चीन पर 60 फीसदी और बाकि के देशों पर 10-20 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कह चुके हैं। चीन पर डोनाल्ड के कड़े रूख से भारतीय केमिकल बाजार को अमेरिका में औऱ अधिक खुलने की उम्मीद है। कपड़ा और टाइल्स उद्योग में भी भारत को फायदा होगा, क्योंकि चीन की मोटी टैरिफ के कारण अमेरिकियों को इन चीजों को भारत से खरीदना पड़ सकता है।
अब बात शेयर मार्केट की
ट्रंप की जीत से भविष्य में रुपया और डॉलर में बड़ा उलटफेर देखा जा सकता है। हालांकि, इस जीत से शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म उछाल आने की संभावना है। दूसरी ओर एक्सपर्ट मानते हैं कि विदेशी निवेशक अपना निवेश वापस अमेरिका की ओर कर सकते हैं। इससे भारतीय बाजार में निवेश में कमी आ सकती है, जिससे रुपया कमजोर हो सकता है। यानी कहा जा सकता है कि ट्रंप के सत्ता में आने से भारत को आर्थिक मोर्चे पर नुकसान ज्यादा हो सकता है।