Home » मानवाधिकार आयोग क्या है? जानें आयोग के कार्य और शक्तियां?

मानवाधिकार आयोग क्या है? जानें आयोग के कार्य और शक्तियां?

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

सेंट्रलडेस्क:  मानवाधिकार आयोग भारत सरकार द्वारा स्थापित गैर-सरकारी संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य मानवाधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण करना है। यह आयोग भारतीय संविधान के तहत 1993 में स्थापित किया गया था और इसकी मूल क्रियाओं का आदान-प्रदान वर्ग 12 और 21 के तहत किया गया है। आइए जानते है राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जुड़ी कुछ अहम जानकरियां।

क्या है राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग?

मानवाधिकार आयोग (NHRC) भारत में मानवाधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी को निभाता है, और यह सुनिश्चित करने का काम करता है कि इन अधिकारों का उल्लंघन ना हो। NHRC व्यक्तिगत शिकायतों की सुनवाई करता है, उन्हें जांचता है, और उचित कदम उठाने का सुझाव देता है। इसका मिशन मानवाधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को सुनिश्चित करना है, ताकि हर भारतीय को उनके मानवाधिकारों का उचित लाभ मिल सके।

क्या हैं मानव अधिकार (human rights)?

मानव अधिकार वे अधिकार हैं जो सभी मनुष्यों को जन्म से ही प्राप्त होते हैं। मनुष्य के जाति, धर्म, लिंग, राष्ट्रीयता या अन्य किसी आधार पर भेदभाव करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है। मानवाधिकारों में जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, और स्वास्थ्य सेवा का अधिकार शामिल हैं। मानवाधिकारों का उद्देश्य सभी मनुष्यों को एक ऐसी दुनिया में जीने के लिए अवसर प्रदान करना है जहां वे सम्मान और गरिमा के साथ रह सकें। मानवाधिकारों को संरक्षित करने से लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने और अपने पूर्ण व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद मिलती है।

मानवाधिकार आयोग की मुख्य शक्तियां और कार्य

मानवाधिकार आयोग लोगों से मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतें प्राप्त करता है। आयोग सुझाव और सिफारिशें देता है ताकि सरकार और अन्य संगठन अधिक उचित उपायों का पालन कर सकें और मानवाधिकारों के सुरक्षा और संरक्षण के लिए कदम उठा सकें। NHRC मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई सेमिनार, सम्मलेन, और शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करता है। यह आयोग यातायात दुर्घटनाओं और जेलों में बंद व्यक्तियों की जांच करता है और उनके लिए उचित कदम उठाता है।

मानव अधिकारों के उल्लंघन की जांच

यह आयोग मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच और अनुसंधान करता है, ताकि यह सुनिश्चित कर सके कि कोई भी व्यक्ति या संगठन मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं कर रहा है। मानवाधिकार आयोग भारतीय समाज में मानवाधिकारों की प्राथमिकता को स्थापित करने में मदद करता है और उनके उल्लंघन के मामलों में न्याय सुनिश्चित करने का काम करता है। यह एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय संविधान के विचार को प्राथमिकता देता है और मानवाधिकारों की समर्पित हिफाजत करने का काम करता है।

भारत में मानवाधिकार आयोग की स्थापना

भारत में मानवाधिकार आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी। यह एक स्वायत्त संस्था है, जिसका अर्थ है कि यह सरकार से स्वतंत्र है। आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में है।

आयोग की उपलब्धियां

आयोग ने पुलिस हिंसा, जेल में हिंसा, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ भेदभाव, और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न सहित विभिन्न प्रकार के मानवाधिकारों के उल्लंघनों की जांच की है। साथ ही आयोग ने मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं, जिनमें स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान, और सार्वजनिक सभाएं शामिल हैं।

READ ALSO : इस फल से पाएं चमकती-दमकती त्वचा, ब्यूटी पार्लर जैसा निखार

Related Articles