पॉलिटिकल डेस्क। राजस्थान के चुनावी सरजमीं पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पूरी तरह से जंग में उतर चुके हैं। कांग्रेस के 7 गारंटी के बाद भाजपा ने अपना संकल्प पत्र जारी किया, तो अब कांग्रेस ने भी एक लंबा-चौड़ा घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस घोषणा पत्र में फिर से जनता को राहत देने की झलक दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में राजस्थान की जनता से कई बड़े वादे किए हैं, जिनमें स्वास्थ्य बीमा की रकम को बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने, रसोई गैस का सिलेंडर 400 रुपये में देने और किसानों को स्वामीनाथन कमीशन के हिसाब से एमएसपी देने और इसके लिए कानून बनाने जैसे वादे शामिल हैं।
लेकिन, क्या है स्वामीनाथन रिपोर्ट जिसके आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून लागू करने की बात की जा रही है। आइए जानते हैं।
किसानों के लिए एमएसपी कानून की गारंटी
कांग्रेस ने स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एमएसपी की गारंटी दी है। साथ ही किसानों को 2 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज देने की घोषणा की है। राजस्थान में 80 लाख से अधिक किसान हैं। किसान एमएसपी की मांग लंबे समय से करते आए हैं। इस घोषणा के जरिए कांग्रेस किसानों को साधना चाहती है।
क्या है स्वामीनाथन रिपोर्ट ?
वर्ष 2004 का समय था और कांग्रेस की यूपीए सत्ता में थी। उस समय किसानों की स्थिति जानने के लिए एक आयोग का गठन किया गया था, जिसका नाम था नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स (एनसीएफ)। इस आयोग के प्रमुख एमएस स्वामीनाथन को बनाया गया था। आयोग ने दो सालों में 5 रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जिसे स्वामीनाथन रिपोर्ट भी कहा जाता है। इस रिपोर्ट में सरकार को कई सुझाव दिए गए थे, जिससे किसानों की स्थिति को सुधारा जा सके। रिपोर्ट में सबसे बड़ा और चर्चित सुझाव एमएसपी का था।
इसमें कहा गया था कि किसानों को फसल की लागत का 50 फीसद लाभ मिलाकर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिलना चाहिए। इस रिपोर्ट में मुख्यतः फसलों की मूल्य निर्धारण नीति और कर्जा नीति पर ज़्यादा जोर दिया गया है। इस पर पूर्व जदयू अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शरद यादव ने कहा था, स्वामीनाथन आयोग की एक रेकमेंडेशन है कि जो साल भर में किसान की लागत है, उसकी मेहनत है, उसे जोड़कर डेढ़ गुना दाम देंगे।
कृषि के क्षेत्र में स्वामीनाथन को मिले थे नोबल समेत 40 से अधिक पुरस्कार
स्वामीनाथन ने दो कृषि मंत्रियों सी सुब्रमण्यम और जगजीवन राम के साथ मिलकर देश में हरित क्रांति लाने का काम किया। हरित क्रांति एक ऐसा कार्यक्रम था, जिसने कैमिकल-जैविक तकनीक के उपयोग से धान और गेहूं के उत्पादन में भारी इजाफा लाने का मार्ग प्रशस्त किया। स्वामीनाथन को 1987 में कृषि के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार कहे जाने वाला प्रथम खाद्य पुरस्कार मिला था। उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण तक से सम्मानित किया गया था।
कृषि के क्षेत्र में स्वामीनाथन को 40 से अधिक पुरस्कार मिले थे। स्वामीनाथन ने अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों को संभाला था। वो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक (1961-1972), आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव (1972-79), कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव (1979-80) नियुक्त किए गए थे।
एमएसपी की गारंटी का एलान करने वाला राजस्थान पहला राज्य
कांग्रेस ने कहा है कि अगर राज्य में फिर से सरकार बनी, तो स्वामीनाथन की रिपोर्ट के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून लागू करेंगे। राज्य में चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। राजस्थान पहला राज्य है, जहां कांग्रेस ने राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी की गांरटी देने का ऐलान किया है।
इस कानून के तहत एमएसपी से कम कीमत पर किसान की फसल की खरीद कोई नहीं कर सकेगा। कम कीमत पर किसानों से फसल खरीदने वालों पर जुर्माना लगेगा और उनके लिए सजा का भी प्रावधान है।
कांग्रेस ने घोषणापत्र में किए कई वादे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जयपुर में घोषणापत्र जारी करने के मौके पर कहा कि राजस्थान कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है, हम वही वादे करते हैं जो पूरा कर सकते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था इस साल के अंत तक 15 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी और 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। कांग्रेस घोषणा पत्र में कहा गया है कि किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी कानून लाया जाएगा।
चिरंजीवी बीमा की राशि को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया जाएगा। वहीं, 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी और 10 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। कांग्रेस ने घोषणापत्र में पंचायत स्तर पर सरकारी नौकरी का नया काडर बनाने का वादा किया है। गैस सिलेंडर अभी 500 रुपये का मिल रहा है, उसे 400 रुपये किया जाएगा। राज्य में आरटीई कानून लाकर इसके तहत निजी शिक्षण संस्थाओं में भी 12वीं तक की शिक्षा फ्री की जाएगी। इसके अलावा भी हर वर्ग को ध्यान में रखकर घोषणाएं की गई हैं।
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