मुरादाबाद : सिविल सर्विस की तैयारी छोड़कर फिटनेस कोच बनने की यात्रा पर निकलीं अपूर्वा शर्मा ने न केवल खुद को सशक्त किया, बल्कि मुरादाबाद की लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के महत्वपूर्ण कौशल भी सिखाए। आज वह मुरादाबाद में दो जिम चला रही हैं और 8000 से ज्यादा लड़कियों को निःशुल्क सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग दे चुकी हैं।
शारीरिक, मानसिक और वैचारिक रूप से सशक्त बनाना उद्देश्य
अपूर्वा शर्मा का कहना है कि लड़कियों और महिलाओं का शारीरिक, मानसिक और वैचारिक रूप से सशक्त होना बहुत जरूरी है। उनका उद्देश्य सिर्फ शारीरिक फिटनेस तक सीमित नहीं है, बल्कि वह लड़कियों और महिलाओं को आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती भी देने का काम कर रही हैं।

आईएएस बनने का सपना, लेकिन फिर मिला नया उद्देश्य
अपूर्वा ने अपनी बातचीत में बताया कि उनका सपना था कि वह आईएएस अफसर बनें और समाज सेवा करें, लेकिन मुरादाबाद में शिक्षा की सीमित सुविधाओं के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने लड़कियों को जिम के माध्यम से शारीरिक रूप से मजबूत करने का सपना देखा। उनका मानना है कि महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए उन्हें सशक्त बनाना जरूरी है।
द दोस्त की आत्महत्या ने बदली दिशा
अपूर्वा के जीवन में एक दुखद घटना घटी, जब उनकी एक करीबी दोस्त ने आत्महत्या कर ली। इस घटना ने उन्हें गहरे आघात पहुँचाया, और इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि महिलाओं को मानसिक और शारीरिक हिंसा का सामना घरों में भी करना पड़ता है। यही कारण था कि उन्होंने महिलाओं के लिए आत्मरक्षा को प्राथमिकता दी।
2013 में मुरादाबाद में पहला गर्ल्स जिम
अपूर्वा ने 2013 में मुरादाबाद में पहला गर्ल्स जिम शुरू किया। उस समय यह विचार लोगों के लिए नया था, क्योंकि लोगों का मानना था कि जिम केवल लड़कों के लिए होते हैं। हालांकि, अपूर्वा ने हार नहीं मानी और अपने दोस्तों को इस पहल में शामिल कर जिम में आने के लिए प्रेरित किया। उनका कारवां बढ़ता गया, और आज उनका जिम मुरादाबाद में एक जाना पहचाना नाम बन चुका है।
8000 से ज्यादा लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी
अपूर्वा शर्मा के जिम में लड़कियों को न केवल फिटनेस के टिप्स मिलते हैं, बल्कि वे निःशुल्क सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग भी प्राप्त करती हैं। वह विभिन्न क्लब्स, एनजीओ और संस्थाओं के साथ मिलकर लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाती हैं। आज तक, अपूर्वा 8000 से अधिक लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी हैं।
आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की ओर एक कदम
अपूर्वा का मानना है कि लड़कियों और महिलाओं को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और वैचारिक रूप से भी मजबूत बनाना चाहिए। उनके काम का उद्देश्य यही है कि लड़कियां अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें, और किसी भी मुश्किल परिस्थिति का सामना आत्मविश्वास के साथ कर सकें।
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