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जब PM मोदी ने जनता से मांगी माफी, कहा- मैं मदद नहीं कर पाऊंगा

दिल्ली के अखिल भारतीय आय़ुर्वेद संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा, ‘मुझे आपके दर्द औऱ पीड़ा के बारे में पता चल जाएगा, लेकिन मैं आपकी मदद नहीं कर पाऊंगा।‘ उसका कारण देते हुए पीएम ने कहा कि राज्य की सरकारें अपने हित देख रही हैं।

by Reeta Rai Sagar
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दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान योजना के लागू न होने पर दिल्ली और पश्चिम बंगाल की जनता से माफी मांगी है। दोनों प्रदेशों की सरकारों की खिंचाई करते हुए पीएम ने कहा कि राजनीतिक हितों के कारण इन दोनों राज्यों की सरकारों ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

अब बुजुर्गों को नहीं होगा डर-डर का जीना
इस वजह से दोनों ही राज्यों में बुजुर्गों को योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पर पीएम ने दुख जताया। सोमवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आय़ुर्वेद संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बताया कि आय़ुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 70 वर्ष और इससे अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी शामिल करने की शुरूआत हो चुकी है। पीएम ने कहा कि आय़ुसीमा में बढ़ोतरी के बाद वरिष्ठ नागरिक भी इसका लाभ ले सकते हैं। अब उन्हें बीमारियों से डर-डर कर नहीं रहना होगा।

मोदी का आरोप, अपने हित देख रहीं सरकारें
इस समारोह में पीएम ने दिल्ली और पश्चिम बंगाल की जनता से माफी मांगते हुए कहा कि मैं दिल्ली और पश्चिम बंगाल के 70 साल से अधिक के सभी बुजुर्गों से माफी मांगता हूं कि मैं उनकी सेवा नहीं कर सकता। मुझे आपके दर्द औऱ पीड़ा के बारे में पता चल जाएगा, लेकिन मैं आपकी मदद नहीं कर पाऊंगा। उसका कारण देते हुए पीएम ने कहा कि राज्य की सरकारें अपने हितों के कारण इस योजना को राज्य में लागू नहीं कर रही है।

12,850 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य परियोजनाओं को हरी झंडी
मोदी ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक आय़ु के लोगों के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड दिया जाएगा। इस कार्ड से देशभर के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। 9वें आयुर्वेद दिवस औऱ धन्वंतरि जयंती के मौके पर पीएम ने लगभग 12,850 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य से संबंधित कई परियोजनाओं को हरी झंडी दी। इस साल के आम चुनाव में पीएम ने यह वादा किया था और यह गांरटी आज पूरी की जा रही है।

6.22 करोड़ मरीज जनवरी तक हुए लाभान्वित
15 जनवरी, 2024 तक इस योजना के तहत 6.22 करोड़ मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिसमें सरकारी खर्च 79,227 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। एक विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से 45 प्रतिशत अस्पताल सात विपक्षी राज्यों- तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, झारखंड, पंजाब, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में हुए। इसके अतिरिक्त, उपचार के लिए 33 प्रतिशत रींबर्शमेंट इन राज्यों को निर्देशित की गई थी, जो पूरे राजनीतिक स्पेक्ट्रम में योजना के मजबूत प्रभाव को दर्शाता है।

चिकित्सा के मामले आम लोगों को राहत
इस योजना का उद्देश्य सबसे पहले कम आय वाले परिवारों के जेबों पर पड़ने वाले अतिरिक्त खर्च को काफी कम करना है। दूसरा, यह आवश्यक चिकित्सा उपचार और आपातकालीन देखभाल के द्वार खोलता है, जो कभी कई परिवारों की फाइनेंशियल पहुंच से दूर था। तीसरा, इसका प्रभाव निम्न तबके के समूहों के भीतर सबसे अधिक है।

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