सेंट्रल डेस्क : भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर कई बार लोगों ने इस शख्स का चेहरा देखा। उसके वक्तव्य सुने। विक्रम मिसरी भारत के 34वें विदेश सचिव हैं, जिन्होंने 15 जुलाई 2024 को इस शीर्ष राजनयिक पद का कार्यभार संभाला। वह भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1989 बैच के अधिकारी हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के दौरान वह सरकारी नीति और संवाद का प्रमुख चेहरा रहे हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: कश्मीर से लेकर XLRI तक का सफर
विक्रम मिसरी का जन्म श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बर्न हॉल स्कूल, डीएवी स्कूल और उधमपुर के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वह ग्वालियर के प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल गए और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में ऑनर्स की डिग्री हासिल की। उन्होंने आगे चलकर XLRI, जमशेदपुर से एमबीए की डिग्री हासिल की।
कॉर्पोरेट से कूटनीति की ओर: निजी से सरकारी सेवा तक
राजदूत बनने से पहले विक्रम मिसरी ने लिंटास इंडिया (बॉम्बे) और कॉन्ट्रैक्ट एडवरटाइजिंग (दिल्ली) जैसी विज्ञापन कंपनियों में कार्य किया। साथ ही उन्होंने विज्ञापन फिल्म निर्माण में भी योगदान दिया। लेकिन तीन साल के कॉर्पोरेट अनुभव के बाद उन्होंने IFS में शामिल होकर कूटनीतिक सेवा में अपना योगदान दिया।
जानें पत्नी व बच्चों के बारे में
विक्रम मिसरी की पत्नी का नाम डॉली मिसरी है और उनके दो बच्चे हैं। वह एस्पेन इंस्टीट्यूट यूएसए के इंडिया लीडरशिप इनिशिएटिव के फेलो भी हैं।
कूटनीतिक करियर की प्रमुख झलकियां
- विदेश में तैनाती
ब्रुसेल्स, ट्यूनिस, इस्लामाबाद, वाशिंगटन डीसी में विभिन्न भारतीय मिशनों में सेवा।
म्यूनिख में भारत के महावाणिज्यदूत और श्रीलंका में उप उच्चायुक्त रहे।
2014: स्पेन में भारत के राजदूत नियुक्त।
2016: म्यांमार में भारत के राजदूत बनाए गए।
2019–2021: चीन (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) में भारत के राजदूत के रूप में सेवा की।
- भारत में भूमिकाएं
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया।
तीन प्रधानमंत्रियों – आईके गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव रहे।
दो विदेश मंत्रियों आईके गुजराल और प्रणब मुखर्जी के स्टाफ के रूप में कार्य किया।
विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डेस्क का हिस्सा रहे।
जब सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
हालिया भारत-पाक युद्धविराम की घोषणा के बाद विक्रम मिसरी को सोशल मीडिया ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। नफरत भरे संदेशों के चलते उन्होंने अपना एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट लॉक कर दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कई वरिष्ठ नेता और पूर्व राजनयिक उनके समर्थन में सामने आए।
निरुपमा मेनन राव (पूर्व विदेश सचिव) ने ट्रोलिंग को “शर्मनाक” बताया।
असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव ने भी विक्रम मिसरी का समर्थन किया।