सेंट्रल डेस्क : प्रत्येक चार साल में फीफा विश्व कप का आयोजन होता है और दुनियाभर में फुटबॉल के फैंस इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। दुनिया के हर कोने से अरबों प्रशंसक आयोजनक देश पहुंचते हैं। एक फुटबॉल टूर्नामेंट से परे, यह एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की तरह मनाया जाता है, जो लोगों को जोड़ता है, विविधता का जश्न मनाता है और एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को जोड़ता है। खेल प्रशंसकों के लिए यह एक इमोशनल जर्नी होती है।
खेल से जुड़ी ऐसी भावना और जुनून के साथ, मेजबान देशों को यह सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी होती है कि उनकी तैयारी में कोई त्रुटि न हो। वे अपने देश में आने वाले सैकड़ों और हजारों लोगों के लिए विश्वस्तरीय स्टेडियम से लेकर सीमलेस लॉजिस्टिक तक एक अविस्मरणीय अनुभव देने का प्रयास करते हैं।
एनिमल राइट ऑर्गेनाइजेशन जता रहे नाराजगी
हालांकि, कुछ देश इस छवि को बनाए रखने के लिए विवादित काम कर रहे हैं। एक चौंकाने वाली खबर के अनुसार, मोरक्को कथित तौर पर 2030 विश्व कप की मेजबानी से पहले तीन मिलियन आवारा कुत्तों को मारने पर विचार कर रहा है। इस रिपोर्ट पर कई पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने नाराजगी जताई है।
2030 में फीफा वर्ल्ड के पूरे हो रहे 100 वर्ष
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यह सफाई देश के शहरों को फुटबॉल प्रशंसकों के लिए बेहतर बनाने के लिए है। मोरक्को स्पेन और पुर्तगाल के साथ 2030 फीफा विश्वकप की सह-मेजबानी करेगा। मैच इन तीन देशों में होंगे, जिसका मतलब है कि वहां दुनियाभर के ढेरों पर्यटक एकत्रित होंगे। हालांकि मैच का फाइनल कहां होगा, यह अब तक तय नहीं किया गया है। 2030 फीफा विश्वकप विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस साल इस टूर्नामेंट की 100वीं वर्षगांठ भी है।
कलिंग मोरक्को का बदसूरत शहर
मोरक्को ने फीफा मानकों को पूरा करने के लिए स्टेडियम और परिवहन नेटवर्क को अपग्रेड करने के साथ अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इंटरनेशनल एनिमल कोलिशन के अनुसार, कलिंग ‘मोरक्को का बदसूरत रहस्य’ है। अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर, संगठन का दावा है, मोरक्को में हर साल 300,000 स्ट्रीट डॉग मारे जाते हैं। सरकार की ओर से काम करने वाले व्यक्तियों द्वारा उनकी बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। हालांकि, जब से फीफा ने अपनी घोषणा की है कि मोरक्को स्पेन और पुर्तगाल के साथ 2030 विश्व कप की सह-मेजबानी करेगा, तब से अमानवीय और बर्बर हत्या बढ़ गई है।
इंजेक्शन देकर मारा जाता है डॉग्स को
उन्होंने यह भी बताया कि कुत्तों को स्ट्राइकिन के साथ इंजेक्शन देकर मारा जाता है, जो कि कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला एक अत्यधिक विषाक्त, रंगहीन और कड़वा रसायन है। कथित तौर पर कुत्तों को सड़कों पर गोली मार दी जाती है।
जबकि मोरक्को के अधिकारियों ने दावा किया कि 2024 में यह बर्बर हत्या बंद हो चुकी है, जबकि रिपोर्ट का दावा है कि फीफा के बाद ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है। पशु अधिकारों के पैरोकार अब फीफा तक पहुंच रहे हैं और मोरक्को के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। फीफा ने अभी तक विवाद के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।