सेंट्रल डेस्कः चुनाव आयोग ने जहां एक ओर झारखंड और महाराष्ट्र चुनाव के तारीखों की घोषणा की, तो वहीं दूसरी ओर उपचुनाव की भी घोषणा की। कुल 50 सीटों पर उपचुनाव होने है, जिसमें 48 विधानसभा सीटें और 2 लोकसभा सीटें भी है। 13 नवंबर को ही केरल की वायनाड़ समेत अन्य 47 सीटों पर मतदान होंगे।
उत्तराखंड की 1 विधानसभा सीट और महाराष्ट्र की एक लोकसभा सीट पर मतदान 20 नवंबर को होंगे। इन्हीं तारीखों पर झारखंड औऱ महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने है। सभी नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
उपचुनाव इन सीटों पर होंगी
असम– ढोलाई, सिदली, बोंगाईगांव, बेहाली और समागुड़ी
बिहार– तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज
छतीसगढ़– रायपुर सिटी साउथ
गुजरात- वाव
कर्नाटक– शिगांव, संदूर औऱ चन्नपटना
केरल– पलक्कड़ औऱ चेल्लाकारा
मध्य प्रदेश– बुधनी और विजयपुर
मेघालय– गेम्बेग्रे
पंजाब– डेरा बाबा नानक, छब्बेवाला, गिद्दरबाहा और बरनाला
राजस्थान– झुंझनू, रामगढ़, दौसा, देवली, उनियारा, खींवसर, सलूंबर और चोरासी
सिक्किम– सोरेंग चाकुंग और नामची सिंगीथाम
उत्तर प्रदेश– मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटहरी और मझवां
उत्तराखंड– केदारनाथ
पश्चिम बंगाल– सिताई, मदारीहाट, नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर और तलदंग्रा
इन सीटों पर नहीं होंगे उपचुनाव
इन सभी सीटों के साथ ही केरल के वायनाड़ और महाराष्ट्र की नांदेड़ की लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने है। इस उपचुनाव में लोकसभा की दो सीटें ऐसी भी है, जिन सीटों पर याचिका दायर होने के कारण उपचुनाव नहीं हो रहे है। इनमें उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट औऱ पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट शामिल है।
क्यों नहीं हो सकते इन दो सीटों पर उपचुनाव
दरअसल मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। उन्होंने वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद के चुनाव जीतने पर सवालिया निशान लगाए थे। उधर बशीरहाट सीट पर बीजेपी कैंडिडेट रेखा पात्रा ने याचिका डाल रखी है। इस याचिका में कहा गया है कि बशीरहाट सीट से जीतने वाले टीएमसी नेता हाजी नूरुल इस्लाम ने अपनी संपत्ति से जुड़ी जानकारी छिपाई थी। हांला कि इस्लाम का निधन हो चुका है, लेकिन याचिका पर कार्रवाई जारी है।
क्यों खास है ये दो सीटें
उत्तर प्रदेश की करहल और मिल्कीपुर सीट भी खासा चर्चा में है। करहल सपा नेता अखिलेश यादव की सीट है, लेकिन इस बार वे कन्नौज सीट से चुनाव लड़े थे। कन्नौज से जीतने के बाद से यह सीट खाली है। दूसरी ओऱ अय़ोध्या के पास मिल्कीपुर सीट से अवधेश प्रसाद आते है, लेकिन उन्होंने भी इस साल फैजाबाद सीट से चुनाव जीता था। लोकसभा चुनाव में अयोध्या की सीट हारने के बाद से ही विपक्ष बीजेपी को मंदिर की राजनीति करने के बाद भी हारने का निशाना साधती है। ऐसे में ये दोनों सीटें महत्वपूर्ण है।