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Jharkhand Solar pottery innovation : सोलर चाक के उपयोग से बढ़ रही कुम्हारों की कार्य क्षमता व आमदनी

by Rakesh Pandey
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खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले में कुम्हार अब सोलर चाक की सहायता से अपने पारंपरिक शिल्प को न केवल सशक्त बना रहे हैं, बल्कि अपनी कार्यक्षमता में भी शानदार वृद्धि देख रहे हैं। सोलर चाक, जो कि सौर ऊर्जा से चलता है, अब कुम्हारों के लिए एक गेम चेंजर साबित हो रहा है। यह नई तकनीक उनके व्यवसाय को आसान और अधिक लाभकारी बना रही है।

सोलर चाक से बढ़ी कार्यक्षमता व आय

हाल ही में जिला प्रशासन ने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें कुम्हारों को सोलर चाक के उपयोग की विधि और इसके लाभ के बारे में बताया गया। इस प्रशिक्षण के बाद, कुम्हार अब आसानी से मिट्टी के बर्तन, दीये, मूर्तियां और अन्य वस्तुएं बना रहे हैं।

एक प्रशिक्षित कुम्हार ने कहा, “पहले हमें एक बर्तन बनाने में बहुत समय लगता था, लेकिन अब सोलर चाक के इस्तेमाल से हम उसी काम को कम समय में कर सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा काम आसान हुआ है, बल्कि हमारी आय में भी बढ़ोतरी हुई है।”

पर्यावरण के अनुकूल व भविष्य की आस

उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि यह कुम्हारों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास है। सोलर चाक न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह कुम्हारों के व्यवसाय को भी सशक्त बना रहा है। इस तकनीक का इस्तेमाल कर कुम्हार पारंपरिक हस्तशिल्प को बनाए रख रहे हैं और अपने उत्पादों की संख्या में भी वृद्धि कर रहे हैं। भविष्य में भी जिला प्रशासन ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देने का संकल्प ले चुका है, जिससे कुम्हारों को और भी बेहतर तरीके से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने का मौका मिले।

माना जा रहा है कि सोलर चाक का उपयोग अब खूंटी जिले के कुम्हारों के लिए न केवल उनके पारंपरिक व्यवसाय को सशक्त बना रहा है, बल्कि उनकी आय और कार्यक्षमता में भी वृद्धि कर रहा है। यह एक उदाहरण है कि कैसे तकनीकी नवाचार पारंपरिक व्यवसायों में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

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