स्पोर्ट्स डेस्क : भारत और न्यूजीलैंड के बीच हाल ही में हुए टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की शर्मनाक हार के बाद, क्रिकेट जगत से एक बड़ी खबर आई है। भारत के प्रमुख विकेटकीपरों में से एक, ऋद्धिमान साहा ने सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि उनका क्रिकेट का सफर रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन के बाद समाप्त हो जाएगा।
साहा के संन्यास की घोषणा
साहा ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘क्रिकेट में एक प्यारे सफर के बाद, यह सीजन मेरा आखिरी होगा। मुझे एक आखिरी बार बंगाल का प्रतिनिधित्व करने का सम्मान मिला है। मैं केवल रणजी ट्रॉफी में खेलूंगा और फिर संन्यास ले लूंगा। इस अविश्वसनीय सफर का हिस्सा रहे सभी लोगों को धन्यवाद, आपका समर्थन मेरे लिए दुनिया का मतलब है। आइए इस सीज़न को यादगार बनाएं’।
आईपीएल में भविष्य की योजनाएं
रिपोर्ट्स के अनुसार, साहा आईपीएल 2025 सीजन में भी खेलने की योजना नहीं बना रहे हैं। उन्होंने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से रिलीज होने के बाद, सभी प्रारूपों से दूर रहने का मन बना लिया है। उन्होंने आगामी आईपीएल मेगा ऑक्शन के लिए खुद को रजिस्टर भी नहीं कराया है। हालांकि, उन्होंने अभी तक आईपीएल में भागीदारी के बारे में औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि गुजरात टाइटंस के साथ आईपीएल 2024 सीजन उनका अंतिम सत्र हो सकता है।
साहा का कॅरियर और उपलब्धियां
ऋद्धिमान साहा ने अपने कॅरियर में कुल 40 टेस्ट मैचों में 1353 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक शामिल हैं। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 9 मैचों में केवल 41 रन बनाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में, उन्होंने 138 मैचों में 7013 रन और लिस्ट ए क्रिकेट में 116 मैचों में 3072 रन बनाए हैं।
आईपीएल में साहा ने 170 मैचों में 2934 रन बनाए हैं। वह आईपीएल फाइनल में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। उन्होंने 2014 के आईपीएल फाइनल में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 55 गेंदों पर 115 रन की पारी खेली थी, हालांकि उनकी टीम को उस मैच में 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। साहा आईपीएल 2011 (चेन्नई सुपर किंग्स) और 2022 (गुजरात टाइटंस) में आईपीएल जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं।
ऋद्धिमान साहा का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है। उनकी विकेटकीपिंग क्षमता और बल्लेबाजी कौशल ने उन्हें भारतीय क्रिकेट में एक विशिष्ट स्थान दिलाया। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनका क्रिकेट सफर सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। अब यह देखना होगा कि वह क्रिकेट के मैदान से विदाई के बाद अपने भविष्य को कैसे आकार देते हैं।
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