लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और पद्म विभूषण से सम्मानित कल्याण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका समाज के पुनर्निर्माण में योगदान अनमोल और अविस्मरणीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में सुशासन के संस्थापक, श्रीराम मंदिर आंदोलन के अग्रदूत, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय कल्याण सिंह ‘बाबूजी’ का समाज के पुनर्निर्माण में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और यथास्मरणीय है’।
योगी आदित्यनाथ ने अपने संदेश में यह भी कहा कि कल्याण सिंह ने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण समाज और राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया। उनका जीवन सेवा, सुशासन और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित था। उन्होंने कल्याण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धा से नमन किया और उनके योगदान को याद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘पद्म विभूषण से सम्मानित श्रद्धेय ‘बाबूजी’ की जयंती पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं’।
समर्पण और संघर्ष का प्रतीक थे कल्याण सिंह
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके जीवन का हर पहलू उनके सिद्धांतों, निडरता और लोक सेवा के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। मौर्य ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पद्म विभूषण से सम्मानित आदरणीय कल्याण सिंह जी को उनकी जयंती पर श्रद्धापूर्ण नमन। बाबूजी का जीवन ‘न कोई पछतावा, न कोई पश्चाताप, न कोई दुःख, न ही कोई शोक’ के मूलमंत्र का पालन करते हुए हमें राष्ट्रोत्थान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए प्रेरित करता रहेगा।
वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कल्याण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पाठक ने लिखा, ‘श्रीराम मंदिर आंदोलन के अग्रदूत, सेवा, सुशासन और सामाजिक न्याय के प्रतीक, और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पद्म विभूषण श्रद्धेय कल्याण सिंह ‘बाबूजी’ की जयंती पर कोटि-कोटि नमन’। उन्होंने कहा, ‘बाबूजी का जीवन भगवान श्रीराम और राष्ट्र के प्रति समर्पित था, जो हम सभी को राष्ट्र सेवा और धर्म सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा’।
एक अविस्मरणीय नेता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें ‘प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक’ और ‘श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी नायक’ के रूप में याद किया। चौधरी ने लिखा, ‘कल्याण सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। उनका जीवन सादगी, सरलता और जनसेवा का प्रतीक था, और वह हमेशा राष्ट्रसेवा के लिए याद किए जाएंगे’।
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और बाद में राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। उनकी नीतियों में जनता की भलाई, सुशासन और विकास की प्राथमिकता रही। वे विशेष रूप से राम मंदिर आंदोलन के अग्रदूत के रूप में पहचाने जाते हैं और उनकी भूमिका भारतीय राजनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण रही।
विरासत और योगदान
कल्याण सिंह का जीवन राष्ट्र निर्माण और समाज के प्रति उनके कर्तव्यों की प्रेरक कहानी है। उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज के हर पहलू में दिखाई देता है। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अपने पूरे जीवन को समाज सेवा और राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित किया। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सुशासन और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इसके अलावा, उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया और सामाजिक न्याय की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
कल्याण सिंह का निधन 21 अगस्त 2021 को हुआ, लेकिन उनकी सोच, उनके विचार और उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा भारतीय राजनीति में जीवित रहेंगे। उनकी जयंती पर पूरे प्रदेश और देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, और उनका योगदान हमें समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा देता रहेगा।
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