लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 22 जनवरी को प्रयागराज में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक सुबह 11 बजे से होगी, जिसमें राज्य सरकार के सभी मंत्री शामिल होंगे। खास बात यह है कि यह बैठक महाकुंभ के मौके पर आयोजित की जा रही है, जहां विभिन्न धार्मिक और विकासात्मक फैसलों पर चर्चा और मंजूरी दी जाएगी।
इस बैठक में खासकर प्रयागराज कुंभ मेला और प्रदेश के अन्य जिलों के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इसमें प्रमुख रूप से धार्मिक सर्किट के विकास को लेकर फैसले लिए जाने की उम्मीद है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और इन स्थलों के विकास के लिए कई योजनाओं पर मुहर लग सकती है। सरकार का उद्देश्य धार्मिक स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना और तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाओं में वृद्धि करना है।
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसी बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान कैबिनेट की बैठक की है। पहले भी, महाकुंभ जैसे आयोजनों के समय महत्वपूर्ण विकास कार्यों की गति बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। उदाहरण के लिए, अर्ध कुंभ 2019 के दौरान भी प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें गंगा एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी।
साल 2023 में, अयोध्या में हुई एक कैबिनेट बैठक में अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन, ड्रोन नीति, मंदिर संग्रहालय निर्माण जैसे 14 प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें मंजूरी दी गई थी। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने परंपरा से हटकर भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीरों वाले बैनर के सामने खड़े होकर मीडिया से इन प्रस्तावों की जानकारी साझा की थी। इस प्रकार, योगी सरकार ने हमेशा धार्मिक और विकासात्मक मुद्दों को जोड़ते हुए काम किया है।
सिर्फ प्रदेश के धार्मिक स्थलों तक ही सीमित नहीं, बल्कि पूरे राज्य के विकास की दिशा में भी कई बड़े फैसले लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिसंबर 2021 को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसके बाद योगी सरकार की कैबिनेट बैठक 16 दिसंबर को हुई थी। इस बैठक के दौरान वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के साथ कई बड़े आयोजन भी किए गए थे।
प्रदेश के विकास में धार्मिक और पर्यटन को एकजुट करने की नीति ने उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। योगी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने हमेशा विकास और धार्मिक पर्यटन के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है। अब, महाकुंभ के दौरान होने वाली इस बैठक में कई नए प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को एक नई दिशा दे सकते हैं।
इस बैठक के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि यूपी सरकार विभिन्न धार्मिक स्थलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने, स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएगी। इसके साथ ही, धार्मिक सर्किट को एक एकीकृत और समग्र रूप से विकसित करने के लिए और भी योजनाएं लागू हो सकती हैं, जिससे राज्य में न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय जनता को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। कुल मिलाकर, इस बैठक के परिणामस्वरूप प्रदेश के विकास और धार्मिक स्थलों के समग्र सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं। योगी सरकार इस बैठक के माध्यम से प्रदेश में संतुलित और समग्र विकास की अपनी नीति को और अधिक मजबूत करेगी।
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